संसद के हंगामेदार शीतकालीन सत्र का समापन, लोकसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित
ताजा खबरें, राजनीति, राष्ट्रीय 9:53 am

इस सत्र का आधा समय विरोध प्रदर्शन की भेंट चढ़ गया, हालांकि सरकार इसी दौरान लोकपाल विधेयक सहित कुछ महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराने में जरूर सफल रही.
लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने अफसोस जताते हुए कहा कि किसी निजी सदस्य के कामकाज को रिकार्ड में दर्ज नहीं किया जा सकता, क्योंकि उन्होंने सदन को स्थगित करने के लिए बाध्य किया.सत्र के समापन भाषण में उन्होंने कहा, "इस सत्र में सदन ने निर्धारित समय से 22 घंटे और 12 मिनट अधिक काम किया. लेकिन अफसोस की बात यह है कि बाधा उत्पन्न किए जाने के कारण सदन को स्थगित करवाकर हमने 76 घंटे से अधिक समय गंवा दिए."
गौरतलब है कि खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सहित विभिन्न मुद्दों पर विरोध के कारण सदन की कार्यवाही लगभग दो सप्ताह से अधिक समय बाधित रही. बाद में विपक्ष ने मूल्य वृद्धि के मुद्दे पर कार्य-स्थगन प्रस्ताव लाया जिसे पारस्परिक सहमति से स्वीकार कर लिया गया.
विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के शोर-शराबे के कारण सत्र का लगभग आधा वक्त बिना कामकाज के गुजर गया. अंतत: 21 दिसम्बर को खत्म होने वाले सत्र की अवधि तीन दिन और बढ़ानी पड़ी.
लोकसभा सचिवालय के अनुसार निचले सदन में लगभग 27 विधेयक पेश किए गए और 18 पारित किए गए. पारित हुए प्रमुख विधेयकों में लोकपाल, व्हिसल ब्लोअर, बीमा और प्रसार भारती संशोधन विधेयक शामिल हैं.
22 नवम्बर को सत्र शुरू होते ही खुदरा कारोबार में विदेशी हिस्सेदारी की अनुमति दिए जाने के प्रस्ताव पर सरकार के चुप्पी साध लेने पर न केवल विपक्षी दलों, बल्कि सत्तारूढ़ गठबंधन के साझेदारों की आलोचना का भी सामना करना पड़ा.
सरकार की लोकसभा में उस वक्त भी किरकिरी हुई जब प्रस्तावित लोकपाल संस्था को संवैधानिक दर्जा दिलाने के लिए लाया गया संविधान संशोधन प्रस्ताव सदन में गिर गया.
उल्लेखनीय है कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कुल 400 प्रश्न पूछे गए, जिनमें से केवल 41 के मौखिक उत्तर दिए गए.
