नई दिल्ली : फर्जी प्रमाणपत्र बनाते दो कर्मचारी गिरफ्तार
7:04 pm

नई दिल्ली , आँखों देखी संवाददाता : दिल्ली विश्वविद्यालय के दो कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इन कर्मचारियों पर कालेजों में फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर छात्रों को नामाकन दिलवाने के संबंध में सक्रिय एक गिरोह को मदद करने का आरोप है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए दोनों व्यक्ति की पहचान नीरज और संजीत के तौर पर की गई है। कक्षा 12वीं के छात्रों के दाखिले का प्रबंध करने वाले गिरोह के सरगना हिमाशु गुप्ता को दिल्ली पुलिस के अपराध शाखा ने 23 जून को तीन अन्य युवकों के साथ गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार किए गए युवकों में से एक युवक तहसीलदार कार्यालय में अनुबंध के आधार पर काम कर रहा था।
अधिकारी ने बताया कि तीनों युवकों से पूछताछ के आधार पर डीयू कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है। 23 जून को गिरफ्तार किए गए युवकों की पहचान हिमाशु [26], उसके सहयोगी विकास [24], केतन गुप्ता [24] के तौर पर की गई है। केतन महरौली तहसीलदार कार्यालय में अनुबंध के आधार का काम कर रहा था।
अधिकारी ने बताया कि हिमाशु और विकास ने एक शैक्षणिक कंसलटेंसी फर्म खोल रखी थी। उन्होंने दाखिलों की सुविधा को लेकर दिल्ली और दूसरे शहरों के प्रमुख अखबारों में विज्ञापन दे रखा था। मनपसंद कालेजों में नामाकन करवाने के एवज में वे एक छात्र से तीन से पाच लाख रुपये लेते थे।
इस शैक्षणिक सत्र के दौरान महरौली तहसीलदार के कार्यालय से बनवाए गए 10 फर्जी जाति प्रमाणपत्र मिले है जिसे कथित तौर पर केतन ने बनाया था। उन्होंने बताया कि फर्जी प्रमाणपत्रों को केतन ने सरकारी वेबसाइट पर डाल दिया था, ताकि अगर कोई इसकी प्रमाणिकता जाच करे तो इसकी पुष्टि की जा सके। तीन फर्जी जाति प्रमाणपत्र गाजियाबाद तहसीलदार कार्यालय में सतीश ने तैयार किए थे, जो अभी फरार है। यह गिरोह वर्ष 2008 से चल रहा था। पिछले साल दिल्ली विश्वविद्यालय के कालेजों में उन्होंने फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर छात्रों का नामाकन करवाया था। यह प्रमाणपत्र गाजियाबाद से जारी किए गए थे